5 लोगों को दी चेष्टा बिश्नोई ने दुनिया छोड़ने के बाद भी नई जिंदगी , चेष्टा बिश्नोई ट्रेनि पायलट थी : 9 दिसंबर को महाराष्ट्र के पुणे की सड़क पर एक भीषण एक्सीडेंट हुआ है | इस एक्सीडेंट में दो लोगों की मौत हो गई | चेष्टा बिश्नोई अपने दोस्तों के साथ कार में मौजूद थी |
चेष्टा बिश्नोई एक्सीडेंट के बाद कोमा में चली गई थी लेकिन कल मंगलवार को चेष्टा दुनिया को छोड़कर चली गई | चेष्टा बिश्नोई के मरने के बाद उनके घर वालों ने अंगदान करके सारी दुनिया को चौंका दिया | अपने मरने के बाद भी पांच लोगों को नया जीवन मिलेगा |
यह हादसा कहां हुआ ?
9 दिसंबर को महाराष्ट्र के पुणे और बारामती को जोड़ने वाली सड़क पर एक गाड़ी पेड़ से टकराई थी | इस गाड़ी के अंदर दो ट्रेनि पायलट थी | उन दोनों की मौत हो गई थी | इन दोनों पायलट में से एक पोखरण गांव की रहने वाली चेष्टा बिश्नोई थी |
इस हादसे के बाद के चेष्टा बिश्नोई कोमा में चली गई थी लेकिन मंगलवार को उनकी भी मौत हो गई | चेष्टा बिश्नोई के मरने के बाद उनके घर वालों ने अंगदान करके सारी दुनिया को चौंका दिया |
चेष्टा बिश्नोई पायलट बनने ही वाली थी | उनकी 2 साल की ट्रेनिंग बाकी थी | चेष्टा बिश्नोई ने ने 200 घंटे की उड़ान के प्रशिक्षण में से 68 घंटे की ट्रेनिंग प्राप्त कर ली थी |
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इस एक्सीडेंट में चेष्टा बिश्नोई का सपना उनसे छीन लिया
चेष्टा बिश्नोई एक ट्रेनी पायलट थी | 2 साल में उनकी ट्रेनिंग पूरी होने वाली थी | 9 दिसंबर को हुए एक एक्सीडेंट में पोखरण गांव में रहने वाली 21 साल की एक ट्रेनि पायलट चेष्टा बिश्नोई बुरी तरह से घायल हो गई थी और इसके बाद चेष्टा का एक अस्पताल में इलाज चल रहा था लेकिन मंगलवार को चेष्टा दुनिया को छोड़कर चली गई |
चेष्टा के परिवार वालों ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया और चेष्टा के अंगों का दान कर पांच लोगों को नई जिंदगी दे रहे हैं | चेष्टा बिश्नोई पायलट बनने की तैयारी कर रही थी और वह 1 साल से पायलट बनने का प्रशिक्षण भी ले रही थी |
चेष्टा बिश्नोई जैसलमेर जिले की पहली होनहार लड़की थी जो पायलट की ट्रेनि करके पायलट बनने वाली थी | लेकिन इस दुर्घटना ने चेष्टा बिश्नोई का सपना तोड़ दिया | इस दुख के समय में भी चेष्टा के परिवार ने जो फैसला लिया उसको भी सभी लोगों ने खूब तारीफ की है |

चेष्टा बिश्नोई की 2 साल की ट्रेनिंग बाकी थी
चेष्टा बिश्नोई पायलट प्रशिक्षण की ट्रेनिंग ले रही थी | वह 200 घंटे उड़ान के प्रशिक्षण में से 68 घंटे की ट्रेनिंग प्राप्त कर चुकी थी | चेष्टा बिश्नोई की 2 साल की ट्रेनिंग बाकी थी | चेष्टा बिश्नोई का लगभग 9 दिनों से इलाज चल रहा था लेकिन इलाज के दौरान मंगलवार को चेष्टा की मौत हो गई तो परिवार के सदस्यों ने चेष्टा के अंगदान का फैसला लिया |
जब चेष्टा के परिवार से बात हुई तो उसके भाई ने बताया कि हमने चेष्टा की दोनों किडनी ,हृदय,लिवर, अग्नाशय जैसे अंग दान कर दिए हैं जिससे पांच लोगों को नहीं जिंदगी मिलेगी |
उन्होंने बताया कि कार में चार प्रशिक्षण पायलट बारामती से भीगवन की ओर जा रहे थे | इस सड़क हादसे में तक्षु शर्मा और आदित्य की मौके पर ही मौत हो गई थी लेकिन किशन सिंह और चेष्टा गंभीर रूप से घायल हो गए थे |
