राजस्थान के 7 और जिलों के स्कूलों में पढ़ाई करवाई जाएगी स्थानीय भाषा में |
राजस्थान के 7 और जिलों के स्कूलों में पढ़ाई करवाई जाएगी स्थानीय भाषा में |

राजस्थान के 7 और जिलों के स्कूलों में पढ़ाई करवाई जाएगी स्थानीय भाषा में |

राजस्थान के 7 और जिलों के स्कूलों में पढ़ाई करवाई जाएगी स्थानीय भाषा में :राजस्थान में शिक्षा विभाग ने ऐलान किया कि स्कूलों में स्थानीय भाषा में पढ़ाई शुरू करवाई जाएगी | उन्होंने बताया कि डूंगरपुर और सिरोही के बाद अब जयपुर , उदयपुर समेत लगभग 7 जिलों में स्थानीय भाषा में शिक्षा शुरू करवाई जाएगी | 

 

कौन से 7 जिलों में स्थानीय भाषा में शिक्षा शुरू करवाई जाएगी ?

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि सरकारी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षाओं में स्थानीय भाषा में शिक्षा शुरू करवाई जाएगी | 7 जिलों में सरकारी स्कूलों में स्थानीय भाषा में पढ़ाई शुरू करवाई जाएगी |

इनमें जयपुर ,उदयपुर ,पाली राजसमंद, प्रतापगढ़ ,बांसवाड़ा ,चित्तौड़गढ़ शामिल है | वर्ष 2023 – 24 में इस प्रोजेक्ट के अकॉर्डिंग पायलट ने सिरोही और डूंगरपुर के स्कूलों में स्थानीय भाषा में शिक्षा शुरू करवाई गई थी |

अब नए सेशन से अन्य जिलों में भी स्कूलों में स्थानीय भाषा में पढ़ाई की शुरुआत की जाएगी | स्थानीय भाषा में शिक्षा प्रारंभिक कक्षाओं 1 से 5 तक के सभी विद्यार्थियों को अगले सेशन में स्थानीय भाषा में शिक्षा हासिल करवाई जाएगी |

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि बच्चों को स्थानीय भाषा के उपयोग और स्थानीय भाषा के बारे में शिक्षा देनी जरूरी है | उनका मानना है कि यदि बच्चे अपनी भाषा में शिक्षा लेते हैं तो उनकी समझ जल्दी विकसित होती है | 

स्कूल के बच्चों के द्वारा निकाली गई जागरूकता रैली 

सभी बच्चों की भाषाओ का भी ध्यान रखा जाएगा

जैसा कि हम सब जानते हैं राजस्थान में कई प्रकार की बोलियां बोली जाती है | इसलिए बच्चों और अध्यापक की भाषा अलग-अलग होने के कारण उन दोनों को एक दूसरे की भाषा समझने में भी कुछ समस्याएं आती है |

इस समस्या को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने शुरुआती शिक्षा बच्चों को स्थानीय भाषा में शुरू करवाने का निर्देश दिया है ताकि बच्चे आसानी से स्कूल की भाषा को सीख पाए | 

राजस्थान के 7 और जिलों के स्कूलों में पढ़ाई करवाई जाएगी स्थानीय भाषा में |
राजस्थान के 7 और जिलों के स्कूलों में पढ़ाई करवाई जाएगी स्थानीय भाषा में |

पायलट ने पहले यह प्रोजेक्ट 2 जिलों में चलाया था 

शिक्षा मंत्री के द्वारा बताया गया है की सबसे पहले पायलट के द्वारा दो जिलों के स्कूलों में ही यह प्रोजेक्ट चलाया गया था |  सिरोही और डूंगरपुर जिलों में यह कार्यक्रम शुरू किया गया था | अब सिरोही,  डुंगरपुर सहित 9 जिलों में अगले सेशन से स्थानीय भाषा में पढ़ाई शुरू की जाएगी | सेशन 2026 से यह कार्यक्रम लगभग 25 जिलों में शुरू कर दिया जाएगा | 

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस नियम का प्रावधान

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्थानीय भाषा में स्कूल में पढ़ाने को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिक्षा नीति 2020 लागू की थी जिसमें भी यह प्रावधान दिया गया है कि शुरुआती शिक्षा बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में ही दी जानी चाहिए ताकि वह आसानी से भाषा को समझ सके और भाषा को याद कर सके | गुरुवार को शिक्षा मंत्री के द्वारा अजमेर के सर्किट हाउस में यह बात बताई गई | 

 

उन्होंने बताया कि स्थानीय भाषा में बच्चा आसानी से सीखना है 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि हम स्थानीय भाषा में बच्चों को पढ़ाएंगे तो छोटा बच्चा अपने स्थानीय भाषा को आसानी से समझ लेता है और उसे याद भी कर लेता है | जैसे अपनी मां के पेट में ही अभिमन्यु सीख गया था |

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक भी यह बात कहते हैं कि महिला गर्भवती हो तब उसको अच्छी बातें,  अच्छी कहानी सुननी चाहिए ताकि पेट में पल रहे बच्चे को भी अच्छी जानकारी मिल सके | 

गर्भवती महिलाओं को मंदिर में जाकर सत्संग सुनने के लिए भी कहा जाता है ताकि बच्चों को अच्छे संस्कार मिल सके | इसलिए ही शिक्षा मंत्री ने सात राज्यों में स्थानीय भाषा में पढ़ने का निर्णय लिया है ताकि बच्चे आसानी से पढ़ सके | 

स्कूल के बच्चों के द्वारा निकाली गई जागरूकता रैली 

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