किसान बैठे जल संसाधन विभाग के ऑफिस के बाहर अनशन पर, पानी नहीं लगने से खेत में फसले हुई खराब 
किसान बैठे जल संसाधन विभाग के ऑफिस के बाहर अनशन पर, पानी नहीं लगने से खेत में फसले हुई खराब 

किसान बैठे जल संसाधन विभाग के ऑफिस के बाहर अनशन पर, पानी नहीं लगने से खेत में फसले हुई खराब 

किसान बैठे जल संसाधन विभाग के ऑफिस के बाहर अनशन पर, पानी नहीं लगने से खेत में फसले हुई खराब 

हनुमानगढ़ में जल संसाधन विभाग के बाहर किसान धरने पर बैठे हैं क्योंकि फसल को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने के कारण किसान के खेत में फसल नष्ट हो गई है | 

 

किसान जल विभाग संसाधन के बाहर धरने पर क्यों बैठा है ? 

किसान का कहना है कि नाका बंद करने के कारण उसके खेत में फसलों को पानी ठीक से नहीं मिला है जिसके कारण उसकी खेत की सारी फसले खराब हो गई है |

उसने कहा कि नाका खोलने का आदेश मिल गया था फिर भी नाका नहीं खोला गया जिसके कारण उसकी सारी फसले नष्ट हो गई है | इसलिए किसान नाराज होकर पिछले दो दिनों से जल्द संसाधन विभाग हनुमानगढ़ के बाहर अनशन पर बैठा हुआ है | 

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लोक जनशक्ति पार्टी के द्वारा किया गया स्पोर्ट 

बुधवार को लोक जनशक्ति पार्टी जिला अध्यक्ष विकास झोरड़ के आदेश पर पार्टी कार्यकर्ता किसान के पास पहुंचे | उन्होंने किसान की मांग को सपोर्ट किया और जल विभाग को चेतावनी दी कि यदि किसान की मांग पूरी नहीं की जाएगी तो पार्टी की ओर से किसान के सपोर्ट में आंदोलन किया जाएगा | 

 

यह किसान है कौन ? 

इस किसान का नाम खेतपाल है | किसान ने मांग की थी कि पीलीबंगा चक 7 HDP में बनाई हुई नाका से पानी दिया जाए ताकि फसलों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके और फसल अच्छी मात्रा में हो |

इस ज्ञापन पत्र जल संसाधन खंड द्वितीय ,हनुमानगढ़ को दिया गया था जिसमें नाका को फसल पकने तक खुलवाने की मांग थी | लेकिन जल विभाग के द्वारा यह नाका बीच में ही बंद कर दिया गया जिसके कारण फसले खराब हो गई | 

किसान बैठे जल संसाधन विभाग के ऑफिस के बाहर अनशन पर, पानी नहीं लगने से खेत में फसले हुई खराब 
किसान बैठे जल संसाधन विभाग के ऑफिस के बाहर अनशन पर, पानी नहीं लगने से खेत में फसले हुई खराब

नाका खोलने के आदेश थे 

नाका को खोलने के आदेश अधिशासी अभियंता ने सहायक अभियंता ,उपखंड को आदेश दिए थे | 19 दिसंबर को नाका खोलने का आदेश था लेकिन उस दिन सहायक अभियंता को  नाका नहीं खोलने का मौखिक आदेश मिला और नाका नहीं खोला गया | 

जिसके कारण फसलों में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं लगा | जिसके कारण फसले पूरी तरह से खराब हो गई | खेतपाल की मांग है कि नाका खुलवाने की है | ताकि वह अपनी फसलों में पानी लगा सके | 

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