शिक्षा मंत्री ने कहा – शिक्षक विद्यालय में रखें अपने पहनावे का ध्यान : उन्होंने कहा कि कुछ टीचर झूमते हुए आते हैं , ऐसे टीचर बच्चों के दुश्मन होते हैं और उन्हें शिक्षक नहीं कहा जा सकता |
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विद्यालय में शिक्षक के पहनावे को लेकर बड़ा बयान दिया है | उन्होंने कहा कि कुछ टीचर विद्यालय में अपना फैशन दिखने आते हैं | ऐसे बच्चों पर बुरा असर पड़ता है | उनका कहना है कि शिक्षक- शिक्षिका को विद्यालय के दौरान अपने पहनावे का ध्यान रखना चाहिए | उन्होंने कहा कि अध्यापक को स्कूल में सही ड्रेस पहन कर आना चाहिए |
कुछ टीचर्स स्कूल के अंदर झूमते हुए आते हैं | बच्चे भी टीचर्स को देखकर यही सोचते हैं कि जो कार्य हमारे टीचर करते हैं , वह सभी अच्छे हैं | उन्हें यह भी लगता है कि दारु पीना भी अच्छा रहता है | यदि हमारे अध्यापक दारू पी रहे हैं तो यह गलत कैसे हो सकता है | ऐसे टीचर्स बच्चों के दुश्मन होते हैं | उनको अध्यापक नहीं कहा जा सकता |
उन्होंने शिक्षकों का आचरण सुधारने के लिए कहा उन्होंने कहा कि यदि अध्यापक विद्यालय में अच्छे से आएंगे तभी बच्चे भी उनको देखकर अच्छी चीज सीखेंगे और अनुशासन का पालन करेंगे | बुधवार को शिक्षा मंत्री को नीम का थाना के नरसिंहपुरी गांव में उच्च प्राथमिक संस्कृत स्कूल भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे थे |
उन्होंने कहा कि यदि टीचर गालियां देंगे तो बच्चा क्या सीखेगा

शिक्षा मंत्री के द्वारा कहा गया कि मैं कई शिक्षक भाई बहनों को देखता हूं तो वह दारू पीते रहते हैं और गुटखा खाते हैं | इसका बच्चों पर बुरा असर पड़ता है | यदि बच्चे अपने शिक्षक को यह सब करते हुए देखेंगे तो उनको अभी यही लगेगा कि यह सब उचित है | बहुत जगह हम देखते हैं कि अध्यापक गालियां देते रहते हैं जिससे बच्चे क्या सीखेंगे ?
टीचर अध्यापक स्कूल में देरी से आते हैं और फिर यदि उनसे पूछा जाता है तो वह बहाना बनाते हैं | बच्चा जो अपने अध्यापक को करते हुए देखा है वही सिखाता है और झूठ बोलकर भी डांट खाने से बच जाता है |
अध्यापक स्कूल में देर से आने पर बहाने बनाते हैं
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अध्यापक अक्सर स्कूल में लेट आने पर बहाना बनाते हैं तो बच्चे उनको देखते हैं तो वह भी यही सिखते हैं | इससे बच्चों को समय का उपयोग नहीं समझ पाते हैं और वह सोचते हैं कि यदि हमारे अध्यापक यह सब कर रहे हैं तो यह चीज उचित ही होगी |
